रिस्पना के बाढ़ मैदान परिक्षेत्र की अंतिम अधिसूचना जारी करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंगलवार को हरी झंडी दी थी। शिखरफाल से लेकर मोथरोवाला तक रिस्पना नदी के 77.7 हेक्टेयर में फैले बाढ़ मैदान परिक्षेत्र के दायरे में 380 संरचनाएं आ रही हैं। अधिसूचना जारी होने पर सिंचाई विभाग की ओर से बाढ़ मैदान परिक्षेत्र में सीमांकन के लिए पिलर लगाए जााएंगे।
राजधानी देहरादून में शिखरफाल से लेकर मोथरोवाला तक रिस्पना नदी के 77.7 हेक्टेयर में फैले बाढ़ मैदान परिक्षेत्र के दायरे में 380 संरचनाएं आ रही हैं। इनमें कच्चे-पक्के घर व दुकान शामिल हैं। रिस्पना के बाढ़ मैदान परिक्षेत्र की अंतिम अधिसूचना जारी करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंगलवार को हरी झंडी दी थी। अधिसूचना जारी होने पर सिंचाई विभाग की ओर से बाढ़ मैदान परिक्षेत्र में सीमांकन के लिए पिलर लगाए जााएंगे।
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशों के क्रम में उत्तराखंड में भी नदियों के बाढ़ मैदान परिक्षेत्र अधिसूचित किए जा रहे हैं। नदी में बाढ़ की स्थिति में उसका पानी कितने क्षेत्र को अपनी चपेट में ले सकता है, उसे ही बाढ़ मैदान परिक्षेत्र कहा जाता है।
इसे अधिसूचित करने को 100 साल और 25 साल में अधिकतम बाढ़ के प्रभाव क्षेत्र का आकलन किया जाता है। इसके आधार पर ही बाढ़ मैदान परिक्षेत्र अधिसूचित किए जाते हैं। इसमें स्थायी निर्माण समेत कोई ऐसा कार्य नहीं हो सकता, जिससे पानी का प्रवाह बाधित हो। यदि कोई कार्य आवश्यक है तो उसके लिए अनुमति लेनी होगी।
देहरादून की रिस्पना नदी के बाढ़ मैदान परिक्षेत्र के लिए दो साल पहले कसरत शुरू की गई थी, जो अब परवान चढ़ने जा रही है। रिस्पना का प्रवाह क्षेत्र उद्गम स्थल शिखरफाल से मोथरोवाला तक 22.5 किलोमीटर है। इसके दोनों तटों की तरफ 100 साल की बाढ़ की आवृत्ति के आकलन के हिसाब से 77.7 हेक्टेयर और पिछले 25 साल के हिसाब से 72 हेक्टेयर क्षेत्र को बाढ़ मैदान परिक्षेत्र घोषित किया गया है।
नदी का फैलाव 9.97 मीटर से लेकर 100 मीटर तक आंका गया है। 25 साल की आवृत्ति को देखें तो इस नदी में पानी का अधिकतम प्रवाह शिखरफाल में 35 क्यूमेक व मोथरोवाला में 208 क्यूमेक रहा है। 100 साल की आवृत्ति के हिसाब से शिखरफाल में 71.5 क्यूमेक व मोथरोवाला में 364 क्यूमेक रहा है।
देहरादून शहर से होकर बहने वाली एक अन्य नदी बिंदाल के बाढ़ मैदान परिक्षेत्र को लेकर भी कसरत शुरू कर दी है। यह नदी ओल्ड राजपुर कैरवान से प्रारंभ होकर मोथरोवाला तक का सफर तय करती है। इसके बाढ़ मैदान परिक्षेत्र के लिए इन दिनों सर्वे चल रहा है और फिर आंकड़ों के विश्लेषण का कार्य 31 अक्टूबर तक पूर्ण किया जाना है।