गोपेश्वर। उत्तराखंड के चमोली जिले के सलूड़-डुंग्रा गांव में आयोजित होने वाली विश्व धरोहर रम्माण के भव्य आयोजन के लिए जिला प्रशासन ने कवायद शुरु कर दी है।जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने रम्माण के भव्य आयोजन के लिए जिला पर्यटन अधिकारी बृजेंद्र पांडे को आयोजन स्थल को फूलों और लाइट से सजाने के साथ ही दर्शकों के बैठने की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
क्या है रम्माण
चमोली जिले के पैनखंड क्षेत्र के सलूड डुंग्रा में रम्माण का आयोजन प्रतिवर्ष अप्रैल माह में बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले किया जाता है। रम्माण अपनी विशिष्ट नाट्य शैली और मुखौटों के लिए अगल पहचान लिए हुए है। जिसे देखते हुए यूनेस्को की ओर से वर्ष 2009 में रम्माण को विश्व धरोहर में शामिल किया गया था। रम्माण जहां स्थानीय लोगों की आस्था को संजोए हुए है। वहीं विश्व धरोहर होने के चलते देश और दुनिया के लोगों के लिए यह आयोजन आकर्षण का केंद्र बना रहता है। उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण के बाद वर्ष 2016 में रम्माण को गणतंत्र दिवस की परेड में भी शामिल किया गया था।